उपन्यास >> क्रान्ति का देवता : चन्द्रशेखर आजाद क्रान्ति का देवता : चन्द्रशेखर आजादसन्मार्ग
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हमारे देश के बहुत से गाँवों में लोगों की यह धारणा है कि यदि बच्चे को शेर का माँस खिला दिया जाये तो बड़ा होकर वह वीर बनता है...
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
वीर बालक
अलीराजपुर रियासत में एक छोटा सा नगर था। जहरानी देवी अपने नवजात शिशु को गोज में लेकर सौरगृह से बाहर आईं। शिशु के पिता पंडित सीताराम तिवारी ने बालक को देखा,वह बहुत दुबला-पतला था। पंडित जी भय और आशंका से काँप उठे। इससे पहले भी उनकी कई संतानों ने जन्म लिया, वे थोड़े-थोड़े दिनों रहीं और उनकी गोद खाली करके चली गईं थीं।
किन्तु बालक दुर्बल होते हुये भी सुन्दर बहुत था। उसका चाँद के समान गोल और सुन्दर मुख देखकर ही उसका नाम चन्द्रशेखर रखा गया। ग्राम की स्त्रियाँ बहुधा जगरानी देवी से कहा करतीं कि तुम्हारे लाड़ले को कहीं नदर न लग जाये, इसे संभाल कर रखा करो।
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