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उपन्यास >> क्रान्ति का देवता : चन्द्रशेखर आजाद

क्रान्ति का देवता : चन्द्रशेखर आजाद

सन्मार्ग

प्रकाशक : सन्मार्ग प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 1997
पृष्ठ :80
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 8907
आईएसबीएन :000000000000

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हमारे देश के बहुत से गाँवों में लोगों की यह धारणा है कि यदि बच्चे को शेर का माँस खिला दिया जाये तो बड़ा होकर वह वीर बनता है...

Ek Break Ke Baad

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

वीर बालक


अलीराजपुर रियासत में एक छोटा सा नगर था। जहरानी देवी अपने नवजात शिशु को गोज में लेकर सौरगृह से बाहर आईं। शिशु के पिता पंडित सीताराम तिवारी ने बालक को देखा,वह बहुत दुबला-पतला था। पंडित जी भय और आशंका से काँप उठे। इससे पहले भी उनकी कई संतानों ने जन्म लिया, वे थोड़े-थोड़े दिनों रहीं और उनकी गोद खाली करके चली गईं थीं।

किन्तु बालक दुर्बल होते हुये भी सुन्दर बहुत था। उसका चाँद के समान गोल और सुन्दर मुख देखकर ही उसका नाम चन्द्रशेखर रखा गया। ग्राम की स्त्रियाँ बहुधा जगरानी देवी से कहा करतीं कि तुम्हारे लाड़ले को कहीं नदर न लग जाये, इसे संभाल कर रखा करो।

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